गंगा का मैदान या मध्यवर्ती मैदान
गंगा का मैदान या मध्यवर्ती मैदान यमुना नदी से लेकर पूर्व में बांग्लादेश की पश्चिमी सीमा तक विस्तृत "मैदान को मध्यवर्ती मैदान" या "गंगा का मैदान" कहते हैं।
गंगा तथा उसकी सहायक नदियों के द्वारा निर्मित मैदान को तीन भागों में बांटा गया है -
1. ऊपरी गंगा का मैदान : ऊपरी गंगा मैदान को तीन लघु इकाइयों में बांटा गया है - गंगा यमुना दोआब, रुहेलखंड मैदान, अवध मैदान |
2. मध्यवर्ती गंगा का मैदान : यह मैदान इलाहाबाद से फरक्का तक विस्तृत है मध्य गंगा मैदान को 2 उपभागों में बांटा जाता है -
a. पूर्वी उत्तर प्रदेश का मैदान :b. बिहार का मैदान : बिहार के मैदान को 3 वर्गों में बांटा गया है - सारण का मैदान, मगध का मैदान, मिथिला का मैदान
👉मध्य गंगा के मैदान में गोखुर झील अधिक पाई जाती हैं क्योंकि इस भाग में नदियां विसर्प के रूप में बहती हैं ।
3. निम्न गंगा का मैदान : इसका विस्तार उत्तर में दार्जिलिंग हिमालय के गृह क्षेत्र से दक्षिण में बंगाल की खाड़ी तक तथा पश्चिम में छोटा नागपुर की पूर्वी सीमा से बांग्लादेश एवं असम की सीमाओं तक विस्तृत है ।
Fact -
- जलपाईगुड़ी तथा दार्जिलिंग जिले का पर्वतीय तथा तराई का क्षेत्र दुआर (DUAR) कहलाता है|